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Poetry

 कभी मिलो से सही दिलो के जख्म का इलाज करेंगे गिले शिकवो को दूर करेंगे बाटे वही से करेंगे जो रह गई है अनकही कभी मिलो से सही यू ही छोड़ दिया था साथो पलट कर की ना थी एक भी बात मन के गुबार को रहने देना वही कभी मिलो से सही सोचा ना था तुम भी हो इतना कथोर स्वस्थ हो तुम भी और हम भी पर है जिंदगी का नहीं है कोई थौर दिन बदल रहा है पर रेट है अभी भी वही एक बार मिलो तो सही। 'धर्म'